सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में व्यास जी ने भक्त ध्रुव के चरित्र का किया वर्णन
1 min read
साइबर एक्सप्रेस / मियागंज
उर अभिलाष निरंतर होई, देखिइ नयन परम प्रभु सोई यह उदगार आचार्य विपिन मिश्रा द्वारा टिकरा गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में कही उन्होंने भक्त ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए श्रोताओं को कथा का रसास्वादन कराते हुए कहा कि महाराज उत्तानपाद के कोई संतान नहीं थी और वह बहुत चिंतित रहते थे एक दिन उनकी रानी सुनीति ने उनको दूसरा विवाह करने की सलाह दी राजा द्वारा पुत्र की चाह में सुरूचि से विवाह कर लिया जाता है फ़िर प्रभु की इच्छा से रानी सुनीति व सुरूचि दोनों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है खेलते खेलते ध्रुव अपनी पिता की गोद में बैठ जाता है तो रानी सुरुचि द्वारा उसे राजा की गोद से उतार कर भगा दिया जाता है और मां की आज्ञा पाकर ध्रुव भगवान की प्राप्ति के लिए वन जाकर तपस्या करने लगते हैं जहां उन्हें ईश्वर के दर्शन प्राप्त होते हैं यह मार्मिक प्रसंग सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए आयोजक शिक्षक रामौतार द्वारा कथा में आए हुए सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया गया इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें !!