विकास खण्ड सैंया के कर्मचारियों की मनमानी: क्या घूस के चक्कर में लगा दी गलत रिपोर्ट
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विकास खण्ड सैंया के कर्मचारियों की मनमानी: क्या घूस के चक्कर में लगा दी गलत रिपोर्ट
आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं के बावजूद, आगरा के विकास खण्ड सैंया में ग्राम प्रधान और ब्लॉक कर्मचारियों की मनमानी के आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला ग्राम पंचायत भिड़ावली का है, जिसने योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राम पंचायत भिड़ावली के निवासी दिवाकर कुशवाहा ने ग्रामीण शौचालय योजना के तहत अपने घर पर शौचालय बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन जब उन्होंने अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन जांची, तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनके घर पर पहले से ही शौचालय बना हुआ दिखाया गया है, जिसके कारण उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि दिवाकर कुशवाहा के पास कोई शौचालय नहीं है।
अधिकारियों से नहीं मिली सुनवाई, मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत
पीड़ित दिवाकर कुशवाहा ने इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के उनके प्रयास भी विफल रहे। अंततः निराश होकर दिवाकर कुशवाहा ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उच्च अधिकारी इस लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार पर क्या कार्रवाई करते हैं।
सूत्रों का दावा: अपात्रों को लाभ, पात्र वंचित
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो विकास खण्ड सैंया में अपात्र लोगों को पात्र और पात्र लोगों को अपात्र दिखाने का खेल खुलेआम चल रहा है। इस तरह की अनियमितताओं से स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
सवाल: क्या घूस के चक्कर में ब्लॉक कर्मचारियों ने गलत रिपोर्ट लगाई? क्या ऐसे ही गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाएगा? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएगा। फिलहाल, सबकी निगाहें मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायत पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।