8 मार्च 2025. अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
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8 मार्च 2025. अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
यह दिन महिलाओं के सम्मान, अधिकारों और उनके समाज में योगदान को समर्पित: सोनी त्रिपाठी
आगरा। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस संपूर्ण दुनिया भर में 8 मार्च को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने साल 1975 में 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से महिलाओं के लिए उक्त जानकारी एवं विचार नगर निगम आगरा ब्रांड एंबेसडर, सेंट्रल जेल आगरा सदस्या एवं काउंसलर सोशल एक्टिविस्ट सोनी त्रिपाठी ने बताए हैं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति चेतना का प्रतीक है मां शक्ति का स्वरूप है नारी नाम संस्कृत मूल का एक हिंदू नाम है जिसका अर्थ है (महिला)। यह दिन महिलाओं के सम्मान और उनके समाज में योगदान को समर्पित किया जाता है। भारत देश जहां महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का विशेष ध्यान रखा जाता है। महिलाओं को महिला सशक्तिकरण के बिना अन्य लैंगिक पक्षपात और असमानता से दूर नहीं किया जा सकता है। महिला सुरक्षा कानून में 7 मई 2015 को लोकसभा ने और 22 दिसंबर 2015 को राज्यसभा ने जुवेनाइल जस्टिस बिल में बदलाव किया। मैटरनिटी लाभ अधिनियम, 2013 जिसमें रोज़गार और कानून द्वारा अनिवार्य मातृत्व लाभ को नियंत्रित करता है। इस कानून के तहत,हर कामकाजी महिला को छह महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है।
इस दौरान महिलाएं पूरी सैलरी पाने की हकदार होती हैं।
सोनी त्रिपाठी ने बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 प्रमुख हैं। यह अधिनियम किसी भी सरकारी या निजी संस्थान में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए लागू है । इस अधिनियम के तहत, 10 से ज़्यादा कर्मचारियों वाले कार्यालय में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी होना ज़रूरी है। इस कमेटी में एक महिला सदस्य होना ज़रूरी है, इस कमेटी को जल्द कार्रवाई होनी जरूरी है एवं महिला को कार्यवाही की पूरी जानकारी देनी चाहिए। यह कानून हर सरकारी और गैर सरकारी कंपनी पर लागू होता है। फैक्ट्रियों में महिला कर्मियों को रात की पाली यानी शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच काम करने की अनुमति प्रदान की जाती है महिला कर्मी स्वेच्छा से कार्य के समय सीमा निर्धारित कर सकते हैं। हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है। जिसका उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है और पीड़ित महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराना है। यह 26 अक्टूबर 2006 को लागू हुआ।
समाजसेविका सोनी त्रिपाठी ने कहा कि नारी पूरे परिवार की रीढ़ है और समुदायों के विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। आधुनिक युग में कई भारतीय महिलाएं कई सारे महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक पदों पर पदस्थ हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी, आनंदीबाई जोशी, सरोजिनी नायडू, अहिल्याबाई होलकर , मीरा कुमार जी, कल्पना चावला, बबीता चौहान जी, बेबी रानी मौर्य जी, श्रीमती हेमलता दिवाकर जी, निर्मला सीतारमण जी, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी और हाल ही में बनी दिल्ली के मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता आदि प्रमुखता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम इंप्रेस इक्विटी रखी गई थी, जिसका अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना, अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ एक प्रतीकात्मक उत्सव ना बनाकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयासों में बदला गया है। महिलाओं को शिक्षित करने एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे। शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाती है और उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम भी बनाती हैं। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति उचित देखभाल करनी चाहिए। महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और चलाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। प्रत्येक महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति रखनी चाहिए, जहां हर महिला सशक्त हो, सम्मानित हो और सामान अवसर प्राप्त करने के लिए अग्रसर रहना चाहिए। यह दिन महिलाओं के प्रति महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी मनाया जाता है पर अभी हमें और भी दूरी तय करनी है, क्योंकि उपलब्धियां के बावजूद समानता की ओर यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। हमें रूढ़िवादिता को चुनौती देते रहना जारी रखना चाहिए, ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां महिलाएं बिना किसी सीमा के आगे बढ़ सके किसी की क्षमता को पहचानने में लैंगिक पक्षपात कभी बाधा नहीं बनना चाहिए। सही मायनों में नारी ही समाज का श्रृंगार करती हैं।
शिक्षा की ताकत को पहचानो, नारी तुम खुद को जानो,
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।
*-सोनी त्रिपाठी काउंसलर, सोशल ऐक्टिविस्ट, सदस्या, सेंट्रल जेल आगरा, ब्रांड एंबेसडर, नगर निगम आगरा।*