ग्राम प्रधान व लेखपाल व नायव तहसीलदार की मिली भगत से वाल्मीकि के प्लाट पर जबरन कराया जा रहा है कब्जा
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ग्राम प्रधान व लेखपाल व नायव तहसीलदार की मिली भगत से वाल्मीकि के प्लाट पर जबरन कराया जा रहा है कब्जा
-पट्टा डेढ़ सौ गज का लेखपाल आख्या सौंप रहा 100 गज की, पीड़ित लग रहा है अधिकारियों से न्याय की गुहार
वाल्मीकि गरीब की बेशकीमती प्लांट पर दबंगों द्वारा ग्राम प्रधान की मिली भगत से कर रहे हैअवैध कब्जा,
क्या पीड़ित गरीब दलित वाल्मीकि को मिलेगा न्याय
आगरा। जहां योगी सरकार गरीबों और पीड़ितों के साथ खड़ा होने का दावा करती है, और वही प्रदेश के मुखिया का कहना है कि हमारा सिस्टम जीरो टॉलरेंस पर कार्य करता है? पर सरकार के मुखिया और सरकार की जनहित कारी नीतियों को नीचे बैठे हुए मातहत ही पलीता लगा रहे हैं। बताते हैं आपको एक गरीब वाल्मीकि समाज के पीड़ित व्यक्ति की दास्तां। गरीब को सरकार की ओर से उसका घर बनाने के लिए उसको डेढ़ सौ वर्ग गज का पट्टा आवंटित किया गया। वह जगह उसे गरीबी किस्मत से बढ़िया जगह पर यानी गांव के मैन रोड पर आ गई। जानकारी के अनुसार यह है गरीब वाल्मीकि परिवार को पट्टा 1996 में किया गया था। वाल्मीकि को किया गया पट्टे की गाटा संख्या 596 है। जब जांच पड़ताल की गई ऑन रिकॉर्ड सरकारी कागजों में तो वह डेढ़ सौ वर्ग गज का पट्टा निकल कर आ रहा है। वहीं गरीब पीड़ित को आवंटित भूमि पर कुछ दबंग भू-माफियाओं की नजर लग गई। फिर क्या था सिस्टम के सांठ-गांठ करके क्षेत्र के दबंग ग्राम प्रधान ने लेखपाल, नायब तहसीलदार जैसा कि जानकारी में आया है मिलकर दलित की जमीन पर अवैध कब्जा कराया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित वाल्मीकि कैलाशी पुत्र मवासी निवासी- ग्राम घढ़ी किशन, ग्राम पंचायत मेवली खुर्द, थाना डौकी, तहसील फतेहाबाद, आगरा को सरकार द्वारा करीब 1996 में ऑन रिकॉर्ड कागजों के अनुसार डेढ़ सौ गज का प्लॉट गाटा संख्या 596 आवंटित किया गया था। यह भूमि गांव के मैन रोड के करीब है, जोकि बेशकीमती है। पीड़ित वाल्मीकि समाज के केलाशी पुत्र मवासी ने बताया कि पीड़ित को जब पता चला कि उसकी सरकार की ओर डेढ़ सौ वर्ग गज भूमि आवंटित की गई है तो वह बहुत खुश था लेकिन आर्थिक स्थिति के चलते अभी तक उसे भूमि पर कब्जा नहीं ले सका। पीड़ित ने बताया कि उसकी भूमि पर गांव के ही दबंग ग्राम प्रधान एवं गांव के कुछ दबंगों की नजर लग गई और उन्होंने लेखपाल एवं नायब तहसीलदार से सांठ-गांठ करके उसे भूमि पर अवैध कब्जा करने के लिए पीड़ित ने बताया कि इस भूमि पर ही नहीं आसपास की और गरीबों की भूमि पर अवैध कब्जा करने के लिए अपनी बाउंड्री करा दी है। पूरा खेल बेशकीमती भूमि के लिए खेला जा रहा है।
वाल्मीकि समाज के पीड़ित केलाशी द्वारा बताया गया कि वह इस मामले में न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा लगा कर थक चुका हूं
समाज के कुछ गणमान्य लोगों को जब उसने अपनी पीड़ा बताई तो वह भी उसका साथ दे रहे हैं और उसको न्याय दिलाने की कोशिश प्रयास कर रहे हैं। वह एसडीएम नायब तहसीलदार लेखपाल तक यहां तक कि थाना डौकी पुलिस से भी न्याय के लिए पीड़ित दर-दर भटक रहा है लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पा रहा है। पीड़ित ने बताया कि उसके पास सारे सबूत साक्ष्य मौजूद है। उसने बताया कि शिकायत करने पर लेखपाल मौके पर पहुंचे और अपनी ओर से गलत अखियां लग रहे हैं पट्टा डेढ़ सौ गज का है जोकि ऑन रिकॉर्ड सरकारी अभिलेखों में मौजूद है, लेखपाल जबकि100 गज की बात कर रहे हैं और गलत आख्या देकर अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। वाल्मीकि समाज की पीड़ित द्वारा शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है कृपया उसको न्याय दिलाए जाए और उसकी जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाय उन्होंने बताया कि लेखपाल द्वारा उनसे कहा जाता है कि आप अपनी जमीन पर कब्जा ले लो लेकिन वह दबंगों के डर से कैसे जमीन पर कब्जा ले ले अगर वह वहां जाता हैं तो दबंग भू-माफिआ उनके साथ कुछ भी कर सकते हैं। अब देखना होगा कि पीड़ित को योगी सरकार में कब तक न्याय दिया जाएगा?