स्कूलों की मनमानी पर श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
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स्कूलों की मनमानी पर श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
-उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद निजी स्कूलों द्वारा फीस समायोजित न करने व मनमानी फीस वसूले जाने पर कार्यवाही करने की मांग
आगरा। उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद निजी विद्यालयों के द्वारा फीस वापस/समायोजित न किए जाने एवं मनमानी फीस वसूले जाने हेतु व अलग-अलग माध्यमों से अभिभावकों का शोषण एवं उत्पीड़न किए जाने पर उन पर कार्यवाही की मांग करते हुए श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा ने जिलाधिकारी आगरा को ज्ञापन देते हुए निजी स्कूलों पर लगाम लगाने की मांग की है। डॉ मदन मोहन शर्मा ने ज्ञापन में कहा है कि हमारी संस्था शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। कई अभिभावकों के द्वारा संस्था पदाधिकारीयों के संज्ञान में लाया गया है कि जनपद आगरा के अधिकांश निजी विद्यालयों के द्वारा अभिभावकों का अलग-अलग माध्यमों से शोषण एवं उत्पीड़न किया जा रहा है कभी बड़ी फीस वापस करने के नाम पर तो कभी हर वर्ष फीस में बेतहाशा वृद्धि किए जाने या फिर महंगी दरों पर एवं चुने हुए बुक सेलर से ही के कॉपी किताबें खरीदे जाने के नाम पर। ज्ञापन में संस्था द्वारा बिंदुवार समस्याओं को बताया गया है।
डॉ मदन मोहन शर्मा द्वारा बताया गया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा कोविद कल के समय में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की 15 प्रतिशत फीस को वापस करने या फिर समायोजित किए जाने हेतु आदेश किए गए थे किंतु जनपद आगरा के किसी भी निजी विद्यालय के द्वारा इस फीस को सत प्रतिशत रूप से वापस या फिर समायोजित नहीं किया गया है। आदेशों की कागजों पर ही खाना पूर्ति कर दी है। अभिभावक बच्चों को विद्यालय में परेशानी ना हो इसके लिए खुद बोलने से डर रहे हैं। अभिभावकों के द्वारा बताया गया है कि निजी विद्यालयों के द्वारा इस वर्ष फीस में भी 20 से 30 प्रतिशत तक की बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। उत्पीड़न सहकर भी अभिभावकों को बच्चों को पढ़ना पड़ रहा है। कॉपी किताबों के नाम पर भी अभिभावकों को लूटा जा रहा है। शहर के सभी बड़े मिशनरीज एवं अन्य निजी विद्यालयों ने अपने-अपने विद्यालयों की कॉपी किताबों के लिए बुक सेलर चुने हुए हैं। अभिभावकों को एक ही जगह पर कॉपी किताबें लेने के लिए दवा बनाया जा रहा है। क्योंकि वहां पर कॉपी किताबें प्रिंट रेट से कई गुना महंगी खरीदनी पड़ रही हैं। यह कॉपी किताबें दूसरे बुक सेलर पर मिलेगी ही नहीं इस कारण अभिभावक मजबूरी में विद्यालयों के द्वारा चुने गए बुक सेलों से ही कई गुना महंगी गांव की किताब में खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। इस तरह निजी विद्यालयों के द्वारा अभिभावकों से खुली लूट की जा रही है।
डॉ मदन मोहन शर्मा का कहना है कि एक ओर उत्तर प्रदेश की सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक बच्चों को सुगम शिक्षा दिलाने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर शहर के मिशनरी एवं निजी विद्यालय इस तरह से सरकार के वायदों का मखौल उड़ा रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी आगरा से निजी विद्यालयों के द्वारा अभिभावकों की किया जा रहे उत्पीड़न को रोके जाने एवं इस पर प्रभावी कदम उठाए जाने हेतु आदेश करने की मांग की है।