पशुओं की नकली दवाएं बनाने वाली दो फैक्टरियों में छापेमारी, करोड़ो का माल बरामद
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पशुओं की नकली दवाएं बनाने वाली दो फैक्टरियों में छापेमारी, करोड़ो का माल बरामद
साइबर एक्सप्रेस मण्डल ब्यूरो चीफ आगरा
आगरा में अवैध रूप से नकली दवा बनाने वाली दो फैक्ट्रियों पर पुलिस ने छापेमारी की। उत्तराखंड फैक्ट्रियां लोन लाइसेंस के नाम पर खोली गईं थीं। फैक्ट्री संचालक सौरभ दुबे और अश्विनी गुप्ता को पुलिस ने हिरासत में लिया है। करोड़ों रुपए की दवाएं, रॉ मटीरियल और मशीनें बरामद हुई हैं।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि सूचना मिली थी कि शास्त्रीपुरम में दो जगहों पर अवैध रूप से पशुओं की नकली दवाएं बनाई जा रही हैं। पुलिस और एसओजी ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। छापेमारी में मौके से मजदूर, दवाएं, मशीनें, पैकेजिंग मटीरियल, फिनिश्ड गुड्स, बोतलें, सीरिंज बरामद की गई हैं
मजदूर, प्रोडक्शन मैनेजर सहित संचालक सौरभ दुबे और अश्विनी गुप्ता को हिरासत में लिया गया है। सौरभ और अश्विनी जीजा-साला हैं। ड्रग विभाग को सूचना दी गई। अब विभाग एस्टीमेट बना रहा है, जिसके बाद कुल रकम की जानकारी मिल सकेगी।
विदेशों तक जाती थीं दवाएं
सौरभ और अश्विनी ने पूछताछ में बताया कि यह दवाएं गुजरात और मुंबई से विदेशों तक जाती थीं। इसके अलावा एटा, कानपुर, अलीगढ़, जयपुर, पंजाब में भी सप्लाई थी। एटा, कानपुर, अलीगढ़, जयपुर, पंजाब में भी सप्लाई थी। मुंबई और दिल्ली से रॉ मैटीरियल लाते थे।
उत्तराखंड का था लाइसेंस
डिप्टी कमिश्नर ड्रग विभाग अतुल उपाध्याय ने बताया कि दोनों फैक्ट्रियों में दवा निर्माण का लाइसेंस नहीं था। आरोपियों ने बताया कि उत्तराखंड से तासीपुर रुड़की और काशीपुर में लोन लाइसेंस लिया था।
लेकिन, उप्र में दवा बनाने का लाइसेंस नहीं था। बड़ी मात्रा में टैबलेट, इंजेक्शन, सीरप का जखीरा बरामद हुआ है, जो बुखार, कीड़े, खुजली, एंटीबायोटिक के हैं। ड्रग विभाग ने 12 तरह के अलग-अलग दवाओं के नमूने जांच को लैब में भेजे हैं।