अल्पसंख्यक समाज के छात्रों के नाम से हड़पी छात्रवृत्ति
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अल्पसंख्यक समाज के छात्रों के नाम से हड़पी छात्रवृत्ति
माइनर खातों के एबीएस हासिल कर निकाली करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति
आगराः अल्पसंख्यक समाज के फर्जी छात्रों के नाम पर शीला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पवन विहार टेडी बगिया के प्रबंधक तंत्र और प्रधानाचार्य ने अल्पसंख्यक विभाग, बैंक और शिक्षा विभाग से सांठगांठ कर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति को हड़प लिया। शिकायत पर जिला विकास अधिकारी की जांच में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। बैंक से लिए स्टेटमेंट से पता चला कि एटीएम के माध्यम से छात्रवृत्ति निकाली गई है। जांच रिपोर्ट कमिश्नर रितु माहेश्वरी को सौंपी गई है।
विद्यालय के प्रबंधक राकेश कुमार कुशवाहा ने वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के यहां पर विद्यालय में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की शिकायत की थी।
अल्पसंख्यक आयोग के पत्र के आधार पर तत्कालीन डीएम ने एसीएम से जांच कराई, जिसे सीडीओ ने खारिज कर दिया। दोबारा शिकायत किए जाने पर मंडलायुक्त
रितु माहेश्वरी ने सीडीओ को जांच के निर्देश दिए। सीडीओ ने जिला विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर सत्र 2015- 16 की छात्रवृत्ति की जांच कराई।
शीला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टेढी बगिया के पंजाब नेशनल बैंक दयालबाग में 57 छात्रवृत्ति खातों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि 57 छात्र
आरएच पब्लिक स्कूल नगला किशनलाल टेढ़ी बगिया के पाए गए। इसी विद्यालय द्वारा खाते खुलवाए जाने के लिए बैंक को पत्र दिया गया।
सभी छात्रों का नामांकन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में शीला उच्च माध्यमिक विद्यालय पवन बिहार टेढ़ी बगिया में दर्शाया
गया है। पंजाब नेशनल बैंक दयालबाग द्वारा छात्र व छात्राओं के छात्रवृत्ति के कुल 13 खातों के स्टेटमेंट उपलब्ध कराए गए, जिनकी जांच में पाया गया है कि 10 छात्रों की छात्रवृत्ति की धनराशि को एटीएम के द्वारा निकाला जाना पाया गया। तीन छात्रों की छात्रवृत्ति की धनराशि को निकाला जाना लंबित पाया गया।
7-8 साल पहले स्कूल हो चुका है बंद
खातों की जांच के बाद संबंधित आरएच पब्लिक स्कूल नगला किशनलाल टेढ़ी बगिया का सत्यापन किया गया। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि स्कूल पूर्व में संचालित था, जो सात-आठ साल पहले ही बंद हो चुका है। वहीं शीला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पवन बिहार टेड़ी बगिया भी बंद हो चुका है। 700 छात्रों की छात्रवृत्ति की जांच कराए जाने की शिकायतकर्ता ने मांग की थी। कुछ ही छात्रों की छात्रवृत्ति की जांच कराई गई। जितने भी खातों की जांच की गई, सभी में गड़बड़ी पाई गई है।
खातों का संचालन अभिभावकों द्वारा किया जाना चाहिए
जांच में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि सभी छात्रों के खाते माइनर हैं। नियमानुसार खातों का संचालन छात्रों के अभिभावकों द्वारा किया जाना चाहिए। जिस तरीके से छात्रवृत्ति का आहरण किया गया है, उससे संदिग्ध प्रतीत होना बताया है। इसके लिए विद्यालय के प्रबंधक एवं संबंधित बैंक के तत्कालीन अधिकारी जिम्मेदार हैं
ये भी हैं संदिग्ध
तत्कालीन प्रबंधक व प्रधानाचार्य शीला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टेढ़ी बगिया द्वारा प्राप्त आवेदनों व सूची को तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित वीके शर्मा प्रधानाचार्य राजकीय हाईस्कूल औलेंडा द्वारा बिना सत्यापित किए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेज दी गई, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसके लिए तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं उनके अधीनस्थों को प्रथम दृष्टिया उत्तरदायी माने गए हैं।
छात्रवृत्ति मामले की जांच की गई। रिपोर्ट को भेज दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर विभाग द्वारा ही निर्णय लिया जाना है।
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राकेश रंजन, जिला विकास अधिकारी