गांधी जयंती पर विशेष बापू हमारे, राष्ट्रपिता
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गांधी जयंती पर विशेष बापू हमारे, राष्ट्रपिता
गांधी जयंती पर विशेष बापू हमारे, राष्ट्रपिता ,आजादी का था ये सारा सिलसिला रे
कलम को जब बोला, लिख उनकी प्रशंसा में,
उनके लिए लिख दी है ये कविता रे।आपके विचारों को याद हम करते है,आपके बताए आदर्शों पे चलते हैं,देश के बलिदान को कभी भी ना भूलेंगे,आज हम आपसे यही वादा करते है। जब आई थी अंग्रेज रूपी आंधी,तब लड़े थे उनसे हमारे बापू गांधी,अकेले ही उन्होंने गोरों को धूल चटाई,की थी उनकी घोंटू घोंटू पिटाई। झुक कर वो चलते थे, कुछ ऐसी थी कद काठी। जब बात देश की आए,बोलती थी उनकी लाठी। गोरखा या मद्रासी, या फिर हो जाट मराठी। सब थे एक समान, सबकी थी एक ही माटी। मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, करता है बापू आपको शत्-शत् नमन,राष्ट्रपिता की जिनको उपाधि मिली थी,देश पे न्योछावर किया, तन-मन-धन। ले ली थी राष्ट्र की सारी बलाएं,155 वीं जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।.वर्षा भटेले निवासी मंडी मिर्ज़ा खां, फतेहपुर सीकरी, आगरा