आरटीआई एक्टिविस्ट देवकी नंदन शर्मा की अनशन के दौरान हुई मौत पर मंडलायुक्त से न्याय के लिए मिले।।
1 min read
आरटीआई एक्टिविस्ट देवकी नंदन शर्मा की अनशन के दौरान हुई मौत पर मंडलायुक्त से न्याय के लिए मिले।।
आगरा के सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के एक प्रतिनिधि मंडल ने कमिश्रर आगरा से मुलाकात कर मथुरा के सामाजिक कार्यकर्ता देवकी नंदन शर्मा की अनशन से मौत के मामले में न्याय की मांग की और अपनी चार सूत्रीय मांगों से सम्बंधित मंडलायुक्त को ज्ञापन दिया, प्रतिनिधि मंडल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डा संदीप पांडे, मानवाधिकार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक के. एम. यादव, मृतक के भाई जीतेन्द्र शर्मा, सोसाईटी फॉरजस्टिस के संयोजक नरोत्तम शर्मा, राकेश शर्मा, नरेन्द्र रावत, नितिन गुप्ता, राज कुमार अग्निहोत्री आदि उपस्थित रहे।
आरटीआई एक्टविस्ट संदीप ने बताया देवकी नंदन शर्मा ने गाँव में सरकारी बिकास कार्यों में भ्र्ष्टाचार को लेकर पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। चार माह से वे अनशन पर थे जिसकी वजह से उनका स्वास्थ लगातार खराब होता रहा और उनकी मृत्यु 12 जून हो गई , जिसकी सूचना परिवार वालों ने स्थानीय प्रसाशन को दी। पोस्ट मार्टम में मौत का कारण हृदय गति रुक जाना बताया गया, मौत के डेढ़ माह बाद भी देवकी नंदन शर्मा की मांगों पर न कोई ध्यान दिया गया है और न ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुयी। अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाह रवैये के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गयी,इसी तरह 2018 में स्वामी जन स्वरूप सानंद उर्फ प्रोफेसर गुरु दास अग्रवाल की भी गंगा को बचाने के लिए हरिद्वार में किए जा रहे अपने अनशन के 112वें दिन अस्पताल में भर्ती करने के बाद मौत हुई थीं। इसलिए हमने कमिश्नर आगरा से मामले की स्वयं जाँच कर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की
1. देवकी नंदन शर्मा की 4 माह अनशन करते हुए मौत हो जाने के पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाये।
2. ग्राम शंकरगढ़ी, विकास खण्ड नौहझील, तहसील मांद, जिला मथुरा में पंचायत भवन का नियमितीकरण, सचिव आवास को कब्जामुक्त कराना, प्राथमिक विद्यालय के पीछे मार्ग को कब्जामुक्त कराना, आवंटित शौचालयों की पात्रताकी जांच की मांग की , खासकर देवकी नंदन शर्मा के खाते में रु. 12,000 क्यों डाले गए जिसकी उन्होंने खुद जांच की मांग की थी।
3. जिले व प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय निकाले जाएं ताकि फिर किसी देवकी नंदन शर्मा को अपनी जान न देनी पड़े।
4. मृतक के परिवार को उचित अनुदान और सहायता उपलब्ध कराई जाए।