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आगरा में कोचिंग की आड़ में युवाओं को गुमराह कर रहा था सॉल्वर गैंग

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आगरा में कोचिंग की आड़ में युवाओं को गुमराह कर रहा था सॉल्वर गैंग

गैंग के सदस्यों में फतेहाबाद का ओमपाल कोचिंग संचालक है

आगरा। जिले में कोचिंग की आड़ में एक ऐसा रैकेट चल रहा था, जो युवाओं को गुमराह करने का काम किया करता था। गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने दबोचने का काम किया है।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि यह गिरोह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी की जगह दूसरे लोगों को बैठाकर परीक्षा दिलाता था। थाना हरी पर्वत पुलिस और सर्विलांस टीम ने संयुक्त रूप से इस गैंग को पकड़ कर सफलता हासिल की। उनके मोबाइल से पुलिस ने पोस्ट एडमिट कार्ड और पोस्ट आधार कार्ड बरामद किए हैं। डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों में से एक ओमपाल सिंह फतेहाबाद का कोचिंग संचालक है, जो अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें प्रलोभन दिया करता था। इस गैंग का दूसरा सदस्य सॉल्वर गैंग के लोगों से संपर्क में रहता था। किसी भी परीक्षा से पहले दो दिन के लिए संबंधित परीक्षा की विंडो खुलती है। जिसके माध्यम से अभ्यर्थी किसी भी तरीके का संशोधन कर सकते हैं। यह विंडो इसलिए खुलती है कि किसी अभ्यर्थी से परीक्षा फ़ार्म भरने में कोई त्रुटि हुई है तो उसे वह सही कर सके। दो दिन खुलने वाली इसी विंडो का यह गैंग अनुचित लाभ लिया करता था। इस गिरोह के लोग दो दिन के लिए खुलने वाली विंडो में अभ्यर्थियों के फोटो हटाकर सॉल्वर गैंग के सदस्यों के फोटो लगा दिया करते थे। उसके बाद किसी भी परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर गैंग के सदस्य परीक्षा देते थे। पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम मनीष कुमार(कुंआखेड़ा,आगरा)ओमपाल सिंह (सारंगपुर,फतेहाबाद), अरुण यादव (नगला बरी,पचोखरा) बताए हैं।
डीसीपी ने बताया कि इस बड़े गिरोह का खुलासा करने वाली हरी पर्वत पुलिस और सर्विलांस की टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

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