अब क्रॉस FIR कराना होगा मुश्किल
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अब क्रॉस FIR कराना होगा मुश्किल
थानेदार सीधे नही लिख सकेंगे मुकदमा, डीसीपी की अनुमति के बाद एसीपी जांच करेंगे।
दो पक्षों में विवाद होने पर पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के लिए आरोपी पक्ष क्रॉस FIR करवा देते हैं। मगर अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। आगरा पुलिस कमिश्नर ने क्रॉस FIR करने को लेकर सख्ती बरती है। अब संबंधित जोन के डीसीपी के आदेश और जांच के बाद ही थानेदार क्रॉस फिर लिख सकेंगे। पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड ने सभी डीसीपी एसीपी और थानेदारों को क्रास एफआईआर दर्ज करने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि कई मामलों में देखा गया है कि किसी घटना के बाद मुकदमा दर्ज होने पर प्रतिवादी पक्ष की ओर से क्रास एफआईआर दर्ज करने की कोशिश की जाती है। कई मामलों में वह सफल भी हो जाते हैं। इस कारण पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता। इसके लिए पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। ऐसे में अब क्रास FIR दर्ज करने के लिए थाना प्रभारी को संबंधित डीसीपी से अनुमोदन लेना होगा।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि पुलिस आयुक्त के निर्देश के अनुसार अब क्रॉस फिर के लिए डीसीपी द्वारा दूसरे सर्कल के एसीपी से पहले प्रकरण की जांच कराई जाएगी। अगर मामला सही मिलेगा तो फिर दर्ज की जाएगी। अगर जांच में पाया जाता है कि प्रतिवादी पक्ष की ओर से दबाव बनाया या समझौता करने के लिए क्रास FIR दर्ज कराने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।