पीड़ित पत्रकार मुनीश अल्वी के साथ हुई मुख्य आरक्षी हिरदेश कुमार द्वारा अभद्रता के मामले में नही हुई कोई कार्यवाही, होगा धरना प्रदर्शन
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पीड़ित पत्रकार मुनीश अल्वी के साथ हुई मुख्य आरक्षी हिरदेश कुमार द्वारा अभद्रता के मामले में नही हुई कोई कार्यवाही, होगा धरना प्रदर्शन
आगरा। मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दर्जा दिया जाता है। लेकिन आज वही चौथे स्तंभ का पत्रकार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। पुलिस पीड़ित पत्रकार की सुनने के लिए तैयार नहीं है। आपको बता दें कि थाना ट्रांस यमुना कॉलोनी में हुए घटना क्रम में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पीड़ित पत्रकार मुनीश अल्वी ने बताया है कि बुधवार को शाम करीब साढ़े चार बजे दो पक्षों में हुए विवाद को लेकर मामले की जानकारी करने के लिए थाना ट्रांस यमुना में गया था। जब जानकारी करके पत्रकार मुनीश अल्वी थाने के कार्यालय से बाहर आए। तो वो थाने के बाहर गेट पर एक परिचित से बात चीत कर रहे थे। पत्रकार मुनीश अल्वी को देखकर मुख्य आरक्षी हिरदेश जो की थाना ट्रांस यमुना में तैनात है। वो आ गया और पत्रकार मुनीश अल्वी को गन्दी-गन्दी गालियां देकर कहने लगा की तूने सच्चाई लिख कर कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कराया है। तू और पत्रकारों की तरह चाटुकारिता क्यों नही करता है। आज मैं तेरी पत्रकारिता खत्म कर दूंगा। ये सब कहते हुए मुख्य आरक्षी हिरदेश कुमार ने पत्रकार के बाल पकड़ कर थाने के अंदर ले जाकर मारपीट की। पुलिस ने अपने आप को बचाने के लिए पत्रकार मुनीश अल्वी का शांति भंग में चालान कर दिया। सिपाही हिरदेश ने पत्रकार की छवि को धूमिल किया है, सिपाही हिरदेश ने थाना हवालात के फोटो वायरल अन्य लोगों को देकर सोशल मीडिया पर वायरल कराए है। पीड़ित पत्रकार मुनीश अल्वी द्वारा बताया गया है कि सारी घटना थाने के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। पुलिस प्रशासन को थाने के सीसीटीवी फुटेज निकालकर मुख्य आरक्षी के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए। भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष मोहम्मद हबीब ने अपना समर्थन पीड़ित पत्रकार को दिया है। शुक्रवार को पत्रकारों के डेलिगेशन ने पुलिस आयुक्त आगरा से थाने के सीसीटीवी फुटेज निकाल कर जांच की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष मोहम्मद हबीब ने कहा है कि अगर पीड़ित पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो पत्रकारों व किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।