कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की मार्मिक कथा सुन श्रोताओं के छलके आंसू
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कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की मार्मिक कथा सुन श्रोताओं के छलके आंसू
कागारौल/आगरा । फतेहपुर सीकरी कस्बा की बड़ी बगीची पर कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें अंतिम दिन सुदामा चरित्र की संगीतमय कथा सुन पंडाल में मौजूद श्रोताओ की आंखों से आंसू छलकने लगे । भागवत कथा में व्यास पीठ से कथा सुनाते हुए प्रख्यात भागवत आचार्य राजकुमार शास्त्री ने कृष्ण सुदामा मित्रता की मार्मिक कथा सुनाते हुए बताया कि जगत में कृष्ण सुदामा जैसी दूसरी मिसाल नहीं । मार्मिक संगीतमय कथा कथा के दौरान आगे उन्होंने बताया की मित्रता में गरीबी अमीरी कोई मायने नहीं रखती, यह भगवान कृष्ण ने जगत को दिखा दिया । बचपन में कृष्ण ने सुदामा को वचन देते हुए कहा था कि मित्र जब भी संकट में पाओगे मुझे याद करना मैं जरूर आऊंगा और उन्होंने अपना वचन निभाया। संगीत में कथा के दौरान बस इतना ही साथ था हमारा तुम्हारा सुनाया तो श्रोताओं के आंसू छलक पड़े । भागवत कथा समापन के बाद आरती प्रसाद वितरण किया गया ।भागवत कथा की व्यवस्थाएं डा राजवीर सिंह अनुज मित्तल, हरिओम मंगल ,ब्रजकिशोर सिंघल,आदित्य फौजदार ,अमित सिंघानिया ,सोनू मंगल , राजेश शर्मा, अजीत अग्रवाल ,विष्णु सौंख आदि व्यवस्थाएं संभाल रहे है। भागवत कथा का भंडारा आज फतेहपुर सीकरी । कस्बा की बड़ी बगीची पर आयोजित भागवत कथा का भंडारा आज शुक्रवार को होगा भागवत आचार्य राजकुमार शास्त्री ने कस्बा के लोगों से कथा का प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध किया है।